फतवा का अर्थ -

फतवा का अर्थ -

  • Apr 14, 2020
  • Qurban Ali
  • Tuesday, 9:45 AM

फतवा एक अरबी शब्द है जिसका असली मतलब इस्लाम के तौर तरीके पर चलना है | इस्लाम मे कुरान और हदीस मे जो कहा है उसी के हिसाब से मुस्लिम या इस्लाम धर्म के लोग उसका पालन करते है। फ़तवा हर कोई जारी नही कर सकता। इसे जारी करने के लिए मुफ़्ती आदेश जारी करता है और वह ही इसे पारित भी करता है। सिधे शह्दों में कहे तो फ़तवा केवल मुफ्ती ही जारी करता है। मुफ़्ती बनने के लिए शरिया क़ानून, कुरान और हदीस का गहन अध्ययन ज़रूरी होता है। गौरतलब है कि दिल्ली के जामा मस्जिद के इमाम बुख़ारी के पास फ़तवा जारी करने का अधिकार नहीं है। गैर मुस्लिम देशो मे फतवा का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन मुस्लिम देशो मे फतवा बहुत मायने रखता है क्योकि ऐसे देशो मे फतवा लोगो के जीवन पर असर डालता है क्योकि इस्लामिक देशो मे फतवा कानून भी लागू हो जाता है। क्या होता है फतवा - आसान शब्दों में कहा जाए तो इस्लाम से जुड़े किसी मसले पर क़ुरान और हदीस की रोशनी में जो हुक़्म जारी किया जाए वो फ़तवा है। पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस्लाम के हिसाब से जिस तरह से अपना जीवन व्यतीत किया उसकी जो प्रामाणिक मिसालें हैं उन्हें हदीस कहते हैं। यहां ये बात भी साफ़ कर देनी ज़रूरी है कि फ़तवा हर मौलवी या इमाम जारी नहीं कर सकता है। फतवा कौन जारी कर सकता है ? बहुत से लोग सोचते होंगे फतवा कोई भी दे सकता है लेकिन ऐसा नहीं है फतवा केवल मुफ़्ती ही दे सकता है क्योकि मुफ़्ती को शरिया कानून, हदीस एंव कुरान की गहराई से गहन किया हुआ होता है |

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